नीतीश कुमार के सामने भारतीय जनता पार्टी ठगा हुआ महसूस कर रही है. नीतीश ने जिस तरह से बीजेपी को झटका दिया है और लगातार 2024 के लोकसभा चुनाव में उसे हराने की बात कर रहे हैं, उसी तरह बीजेपी ने भी जवाबी प्लान तैयार किया है. बिहार में बीजेपी के लिए रणनीति बनाने और उसे सक्रिय करने की जिम्मेदारी खुद केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने ली है. अमित शाह अगले महीने बिहार मिशन की शुरुआत करने जा रहे हैं. बिहार में बीजेपी को कैसे मजबूत किया जाए और किस एजेंडे के तहत 2024 के लोकसभा चुनाव में पुराने प्रदर्शन को दोहराया जाए, इस बारे में अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार जाने वाले हैं
नड्डा और शाह की जोड़ी इसकी शुरुआत बिहार के सीमांचल इलाके से करने जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री 15 सितंबर से पहले सीमांचल में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करने की तैयारी कर रहे हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक 10 से 15 सितंबर तक पूर्णिया में अमित शाह की बड़ी जनसभा का आयोजन किया जा सकता है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कमेटी के केंद्रीय नेताओं के बिहार आने का सिलसिला भी सितंबर महीने से शुरू हो जाएगा. बीजेपी ने अपना पूरा फोकस बिहार पर लगाया है. पार्टी को लगता है कि नीतीश कुमार राजद के साथ जाकर बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकते हैं और पिछले चुनाव में 40 में से 39 लोकसभा सीटों पर एनडीए ने जो प्रदर्शन किया था, उसे बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है.
माना जा रहा है कि सितंबर महीने से बीजेपी बिहार में अपने मिशन की शुरुआत करेगी. बिहार में बीजेपी को लेकर जिस तरह से नीतीश और तेजस्वी की जोड़ी आक्रामक बनी हुई है, भारतीय जनता पार्टी उन्हें जवाब देने में देर नहीं करना चाहती. यही वजह है कि अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा तक बिहार ने लोकसभा चुनाव की तैयारी पहले ही शुरू कर दी है. बिहार को लेकर ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया गया है और आने वाले दिनों में इसे धरातल पर उतारने की तैयारी है. केंद्रीय नेताओं के कार्यक्रम को देखते हुए पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं को भी जिम्मेदारी दी जा रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने नेताओं की एक टीम बनाई है जो केंद्रीय नेताओं के पटना और बिहार के विभिन्न जिलों के दौरे पर समन्वय करेगी.
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